आर्यन खान को आज भी जमानत नहीं मिल पाई है. इसको लेकर अब एक तरफ जहां लोगों का गुस्सा देखने को मिल रहा है. तो उधर सियासी पारा भी बढ़ गया है. जाहिर है एनसीपी नेता नवाब मलिक ने तो एजेंसी पर कई आरोप लगा दिए हैं. तो वहीं अब लोग फिर सवाल खड़े कर रहे कि, आखिर आर्यन को बिना किसी सबूत के जेल में क्यों रखा जा रहा. इस बीच हाल ही में शिवसेना के एक मंत्री ने भी एनसीबी की मंशा पर सवाल खड़े किये। साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक इस मामले को पहुंचा दिया और कहा कि, एनसीबी चुन चुन कर लोगों को टारगेट कर रही है.
बता दें कि, इससे पहले नवाब मलिक ने एनसीबी के अधिकारी समीर वानखेड़े के साथ ही एजेंसी की कार्रवाई पर बड़े सवाल खड़े किये थे. जिसके बाद से लगातार हंगा’मा देखने को मिल रहा है.
लेकिन इन सब के बाद भी एनसीबी कोर्ट में आर्यन की जमानत का विरोध करने में सफल हो जा रही है. बुधवार को सेशन कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद फिर आर्यन की जमानत याचिका ख़ारिज कर दी गई.
अब ऐसा कहा जा रहा है कि, आर्यन के वकील जमानत के लिए हाई कोर्ट का रुख करेंगे। तो इस बीच अब शिवसेना के एक नेता ने सुप्रीम कोर्ट से NCB के मामलों और शाहरुख खान के बेटे आर्यन के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की जांच कराने का आदेश देने का अनुरोध किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार में राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त किशोर तिवारी ने इस बाबत संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है. बताया जा रहा है कि, शिवसेना नेता तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
यही नहीं तिवारी ने अपनी याचिका में कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) दो साल से ‘दुर्भावनापूर्ण उद्देश्यों’ को लेकर ‘पक्षपातपूर्ण’ तरीके से फिल्मी हस्तियों को परेशान कर रही है. उन्होंने ने तो एनसीबी पर मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगा दिया है. तिवारी ने कहा है, ‘अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के सभी मामलों में संज्ञान लेने और हस्तक्षेप करने का पूरा अधिकार है.
यह सविंधान के भाग 3 में लिखा है और NCB अब मौलिक अधिकारों का उल्लंघन कर रही है. इतने दिनों तक सुनवाई टालने को लेकर शिवसेना नेता ने अपनी याचिका में कहा है कि, इससे आरोपी का बड़ा अपमान हुआ है.
उसे गैर लोकतांत्रिक तरीके से और अवै’ध रूप से 17 रातों से जेल में रखा गया है. यह संविधान में निहित जीवन और स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार की पूरी तरह से अवहेलना है.’
यही नहीं तिवारी ने NCB और उसके अधिकारियों पर चुनिंदा बॉलीवुड सेलेब्स को नि’शा’ना बनाकर ‘बद’ला लेने’ का आरोप लगाया है. साथ ही NCB और उसके रीजनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की भूमिका की जांच की मांग की है.