फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर गीतकार जावेद अख्तर के बयान को लेकर काफी आलोचना हो रही है. भाजपा के बाद अब शिवसेना ने भी उनके बयान पर नाराजगी जताई है और इसको गलत बताया। दरअसल बीते दिन जावेद अख्तर ने तालिबान पर नाराजगी जाहिर करते हुए उसकी तुलना आरएसएस और बजरंग दल से कर दी थी. बस फिर क्या था उनके इस बयान को लेकर लगातार लोग गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. इस कड़ी में अब शिवसेना ने भी उनके बयान को गलत बताते हुए आरएसएस के हक में आवाज उठाई है.
गौरतलब है कि, तालिबान मुद्दे को लेकर भारत में काफी राजनीति देखने को मिल रही है. सोशल मीडिया पर तो लोगों के बीच जुबानी जं’ग काफी देखने को मिल रही है. तो अब जावेद को शिवसेना से भी फटकार सुनने को मिल गई है.
आपको बता दें कि, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के माध्यम से जावेद के बयान को गलत बताया है. इसमें लिखा गया, ”अफगानिस्तान का तालि’बानी शासन न सिर्फ समाज बल्कि मानव जाति के लिए सबसे बड़ा खत’रा है. पाकिस्तान, चीन जैसे कई अन्य देशों ने समर्थन किया है क्योंकि इन देशों में मानवाधिकार, लोकतंत्र, व्यक्तिगत स्वतंत्रता का कोई मान नहीं है.
यही नहीं इस लेख में आगे कहा गया है कि, अगर संघ की विचारधारा तालिबान जैसी होती तो लाखों मुस्लिम महिलाओं को आजादी की किरण नहीं दिखती. इसके अलावा सामना ने हिंदू राष्ट्र की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि बहुसंख्यक हिंदुओं को लगातार दबाया न जाए. हिंदुस्तान हर तरह से जबरदस्त सहिष्णु हैं.” अब यह लेख काफी चर्चा में है और कई नेता इसपर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
भाजपा ने भी जावेद अख्तर के खिलाफ खोला मोर्चा
बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा, जावेद अख्तर को संगठन की तालिबान से तुलना करने वाले बयान पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से माफी मांगनी चाहिए.
यही नहीं कदम ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनकी या उनके परिवार की किसी भी फिल्म को इस धरती पर तब तक नहीं रिलीज होने देंगे जब तक कि वह संघ के उन पदाधिकारियों से हाथ जोड़कर माफी नहीं मांगते जिन्होंने राष्ट्र को अपना जीवन समर्पित कर दिया है.
जावेद अख्तर ने क्या कहा था?
दरअसल हाल ही में मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान की जमकर आलोचना की थी. उन्होंने NDTV से बात करते हुए कहा था कि इस बात में कोई शक नहीं कि तालिबानी ब’र्बर हैं और उनकी कर’तूतें निंदनीय हैं. लेकिन वह यही नहीं रुके और उन्होंने आरएसएस (RSS), विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल (Bajrang Dal) को लेकर भी बड़ी बात कह डाली। उन्होंने कहा कि, जो लोग इन सब का समर्थन करते हैं वह भी ऐसे ही हैं.
इस बातचीत के दौरान जावेद अख्तर ने आगे कहा कि देश में मुस्लिमों का एक छोटा सा हिस्सा ही तालिबान का समर्थन कर रहा है. उन्होंने कहा कि दक्षिणपंथियों की विचारधारा दम’नकारी है.
जावेद कहते हैं- तालिबान और ‘तालिबान की तरह बनने की चाहत रखने वालों’ के बीच अजीबोगरीब समानता है. दिलचस्प बात यह है कि दक्षिणपंथी इसका इस्तेमाल खुद को प्रमोट करने के लिए इस उद्देश्य से करते हैं कि उसी तरह बन सके, जिसका वे विरोध कर रहे हैं. एक तरह से उन्होंने यह कहने की कोशिश की- आरएसएस का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबानियों जैसी ही है.