गरीबों के मसीहा बन चुके सोनू सूद का नाम फिर चर्चा में है. दरअसल पंजाब चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से काफी चर्चा हो रही है. जाहिर है इस बार पंजाब में बहुत बड़ा बदलाव देखने को मिला है जिसके कारण इसकी चर्चा देश भर में हो रही है. इस चुनाव में सोनू सूद की बहन मालविका भी थीं जिनको भी हार का सामना करना पड़ा है.
जी हां सोनू की बहन मालविका भी बदलाव की लहर में संभल नहीं पाईं और वह चुनाव हर गईं. पहली ही पारी उनकी खराब साबित हुई और इसी के साथ उनका सियासी सफर भी अब मुश्किल डगर में आ गया है.
अब आपके मन में एक सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर मालविका को कितने वोट मिले और उनको हराने वाला कैंडिडेट किस पार्टी का है. वहीं मालविका की हार से जनता भी काफी परेशान नजर आ रही और दुःख जाहिर कर रहे हैं.
गौरतलब है कि, मालविका सूद ने साल के शुरआत में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन की थी. वह मोगा विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में थीं जहां उनके पक्ष में माहौल देखने को मिल रहा था.
जनता भी उनका काफी सपोर्ट कर रही थी. लेकिन जब नतीजे सामने आये तो पूरे प्रदेश में जो हवा थी उसमे उनको भी हार का सामना करना पड़ा.
जी हां मालविका सूद को आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी डाक्टर अमनदीप कौर से हार का सामना करना पड़ा है. जाहिर है जिस तरह से पूरे प्रदेश में झाड़ू चली है जनता उसी हवा के साथ चलती चली है और आम आदमी पार्टी के रूप में जनता ने बदलाव कर दिया.
बात करें कैंडेट्स को मिले वोट की तो इसमें सबसे अधिक आप पार्टी के उम्मीदवार को मिली हैं. डॉ अमनदीप कौर को 58813 वोट मिले हैं. दूसरे नंबर पर मालविका सूद जिनको 38125 वोट मिले हैं.
तीसरे नंबर पर अकाली दल के बरजिंदर सिंह को 28213 वोट मिले हैं. वहीं भाजपा के उम्मीदवार हरजोत कमल को 10558 वोट मिले हैं. सोनू की बहन मालविका को 20915 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा हो.
पंजाब में मोगा हाई प्रोफाइल सीटों में से एक थी क्योंकि यहां पर फिल्म अभिनेता सोनू सूद की बहन मालविका सूद मैदान में थीं लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली.
बताया जाता है कि, मोगा विधानसभा सीट शुरू से ही पंजाब की अहम सीट मानी जाती रही है. 5 साल पहले 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. कांग्रेस के हरजोत कमल सिंह ने आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी रमेश ग्रोवर को कड़े मुकाबले में 1764 वोटों से हरा दिया था.
मालविका की हार पर जनता बेहद नाराज है. लोग कह रहे कि, आखिर यह कैसे राजनीति है जहां एक गरीबों की मदद करने वाला हार जाता है. एक अन्य यूजर ने लिखा- यह राजनीति है जहां जनता की सेवा नहीं बल्कि सियासी नैरेटिव काम करता है.
जनता ने मालविका को हराकर यह सावित कर दिया। जाहिर है मालविका भी अपने भाई की तरह लंबे समय से मोगा में जनता की सेवा करने का कार्य कर रही हैं. लेकिन आज उनको हार का सामना करना पड़ा.
बता दें कि, मोगा विधानसभा सीट फरीदकोट जिले में आती है. कांग्रेस के मोहम्मद सदीक इस सीट से सांसद हैं. उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के गुलजार सिंह को 83,356 वोटों से हराया था.
मालविका 10 जनवरी को कांग्रेस में शामिल हुई थी. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मौजूदगी में मालविका ने कांग्रेस की सदस्यता हासिल की. इस पर सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा, ‘यह सौभाग्य की बात है कि इतने अच्छे परिवार का एक व्यक्ति हमारी पार्टी में आ रहा है.’