बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और राजनेता सनी देओल पिछले काफी समय से शांत चल रहे हैं. ख़बरों में उनकी चर्चा बहुत कम ही होती है. अब जब पंजाब में चुनाव चल रहे हैं तब भी उनकी कोई खबर नहीं है. जनता के मन में अब यह सवाल आ रहा है कि, आखिर सनी पाजी इस बार पंजाब के चुनावी अ’खा’ड़े में क्यों नजर नहीं आ रहे हैं.
जाहिर है सनी देओल पंजाब की गुरदासपुर सीट से सांसद हैं. ऐसे में भाजपा के कार्यकर्ता भी सोच में हैं कि, आखिर इस चुनावी माहौल में जब सभी पार्टी के नेता जोर शोर से प्रचार में जुटे हैं. ऐसे समय में सनी पाजी कहा हैं.
गौरतलब है कि, आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर देश में सियासी माहौल चल रहा है. 5 राज्यों में होने वाले चुनावों में से एक एक राज्य पंजाब भी है, यहां भाजपा को वैसे कोई जनाधार नहीं है. लेकिन फिर भी पार्टी के नेता जोर शोर से प्रचार में जुटे हैं.
एक तरफ जहां राज्य में कांग्रेस का माहौल काफी बना हुआ नजर आ रहा है. तो उधर आप आदमी पार्टी ने भी अपना दबदबा बना लिया है और जनता के बीच केजरीवाल मॉडल खूब चर्चा में बना हुआ है.
ऐसे में इस बार के चुनाव काफी दिलचस्प होते जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सनी देओल ने वादा किया था कि वह विधानसभा चुनाव में भी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे.
लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि, उनके कार्यालय से कार्यकर्ताओं को जानकारी दी गई है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. हालांकि इस बात से भाजपा (BJP) कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे में लोग लगातार उनको संपर्क करने का प्रयास कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर भी लोग ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया देते नजर आ रहे हैं.
सनी देओल के अपने ही लोकसभा क्षेत्र में नेताओं का समर्थन न करने हर किसी को हैरान कर रहा है. जनता के साथ भाजपा कार्यकर्त्ता भी अब सवाल कर रहे हैं.
उनका कहना है कि चुनावी राजनीति से खुद को एक दूरी पर रखने के लिए देओल की ओर से यह सिर्फ एक बहाना है. न्यूज 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यकर्ताओं में ऐसी चर्चा है कि भाजपा में हर कोई जानता है कि अभिनेता 2024 का चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं. इसीलिए उन्हें विधानसभा चुनाव में भी कोई दिलचस्पी नहीं है. यहां उल्लेखनीय यह है कि गुरदासपुर संसदीय क्षेत्र में 15 लाख से अधिक वोटर हैं.
आपको बता दें कि, अभिनेता सनी देओल ने 2019 का लोकसभा चुनाव भारी मतों से जीता था. लेकिन उसके बाद से वह अपने क्षेत्र में कम ही नजर आते हैं. जनता भी यह कहती है कि, नेता जी गा’यब हैं और उनके मन में सवाल बने रहते हैं.
जाहिर है पंजाबा की गुरदासपुर लोकसभा सीट से भाजपा के ही टिकट पर अभिनेता विनोद खन्ना भी लंबे समय तक चुनाव लड़ते रहे थे. साल 1998, 1999, 2004 और 2014 में 4 बार सांसद चुने गए थे.
कांग्रेस उम्मीदवार प्रताप सिंह बाजवा के सामने 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2014 में एक फिर विनोद खन्ना ने जीत हासिल की थी. उनके निधन के बाद 2017 में उपचुनाव हुआ. इसमें कांग्रेस के सुनील जाखड़ ने जीत हासिल की थी, जो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं.
ऐसे में अब सोशल मीडिया पर भी यह चर्चा शुरू हो गई है कि, आखिर सनी पाजी का ढाई किलो का हाथ चुनाव में नजर क्यों नहीं आ रहा है.
बता दें कि, ऐसा ही अभिनेत्री हेमा मालिनी के बारे में भी कहा जाता है कि, वह नहीं अपने लोकसभा क्षेत्र मथुरा में कम नजर आती हैं. लेकिन उनके साथ यह है कि, वह चुनाव के समय जनता के बीच जाकर जमकर प्रचार करती नजर आती हैं.