सोशल मीडिया पर जबरदस्त एक्टिव रहने वालीं अभनेत्री स्वरा फिर सुर्ख़ियों में हैं. वैसे तो उनके लिए आम स हो गया है कि जब भी वह कुछ लिखती हैं ट्रोलर्स उनके पीछे लग जाते हैं. स्वरा भी अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं जो हर मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त करती हैं.
इन दिनों पाकिस्तान की राजनीति में उठा’प’ठक मची हुई है जिसको लेकर भारत में भी काफी चर्चा हो रही है. इसको लेकर अब स्वरा ने भी अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की जो अब हर तरफ चर्चा में है.
गौरतलब है कि, स्वरा अपनी फिल्मों से ज्यादा बयानों के कारण ख़बरों में रहती हैं. कंगना की तरह वह भी राजनीतिक और सामाजिक हर मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए जानी जाती हैं. इसी के चलते वह अक्सर आलोचनाओं का समाना भी करती हैं.
इस बीच अब एक बार फिर कुछ ऐसा वाक्या हुआ जब लोग स्वरा को लहौर भेजने की बात करते नजर आये. दरअसल हुआ यूं कि, पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा नेशनल असेंबली को ब’हाल करने का आदेश दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी द्वारा विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को बिना मतदान कराए खारिज करने और नेशनल असेंबली भं’ग करने को असं’वैधानिक करार दिया था.
अब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने अपनी प्रतिक्रिया दी है जो हर तरफ चर्चा में बना हुआ है.
स्वरा भास्कर ने ट्विटर पर लिखा कि “ऐसा लगता है कि पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट अपने देश और नागरिकों के लिए खड़ा है न कि उनकी सरकार के लिए.. तो जाहिर तौर पर यह संभव है।” स्वरा भास्कर के इस ट्वीट पर अब लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं और उनकी जमकर आलोचना करते दिखाई दे रहे.
एक यूजर ने लिखा कि ‘अरे आपको ये बहुत पता है कौन कोर्ट किस के लिए क्या काम करता है. वैसे आप कब अपने पड़ोसी देश जा रहे हो, खान ने टिकट भेजा दिया क्या?’
एक अन्य यूजर ने सनी देओल की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ‘मैडम जी, मैं आपको लाहौर छोड़ के आ जाऊं क्या?’
वहीं मजेदार यह रहा कि इस यूजर का स्वरा आने भी जवाब दिया और लिखा- नहीं जी.. मैं दो बार लाहौर जाकर वापस आ चुकी हैं. इस तरह से स्वरा ने भी मजेदार जवाब देकर अपनी प्रतिक्रिया दी.
इसी तरह से कई लोग स्वरा की आलोचना कर रहे हैं और उनका यह ट्वीट वायरल हो रहा है. जाहिर है यह कोई पहली बार नहीं है, जब स्वरा को टट्रोल्स का सामना करना पड़ा है.
वह अक्सर ही अपने बयानों के कारण आलोचना का समाने करती हैं. लेकिन वह खुलकर फिर भी बोलती हैं और अपनी राय रखती हैं.