साउथ फिल्मों के सुपर स्टार अर्जुन रेड्डी फेम विजय देवराकोंडा इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं. उनके चर्चा में आने के पीछे की वजह है उनका एक ब्यान जो उन्होंने वोटिंग को लेकर दिया है. दरअसल हाल ही में विजय (Vijay Deverakonda On Politics) ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान देश में होने वाले इलेक्शन और मताधिकार को लेकर बहुत बड़ी बात कह डाली। विजय ने कहा की देश के हर इंसान को वोटिंग का अधिकार नहीं होना चाहिए। इसके पीछे उन्होंने वजह भी बताई है.
तो आइये हम आपको बताते हैं कि, विजय ने चुनावों को लेकर और क्या-क्या कहा है. साथ ही अर्जुन ने चुनाव ल’ड़ने को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है और बताया कि, अगर वह चुनाव ल’ड़ें’गे तो किस तरह के काम करेंगे।
विजय बोले- मैं राजनीति में आऊंगा तो ता’नाशा’ह बनूंगा
विजय ने कहा कि, अगर वह राजनीति में आते हैं तो ता’ना’शाह बनना चाहेंगे. एंटरटेनमेंट न्यूज पोर्टल फिल्म कंपैनियन से ख़ास बातचीत में विजय (Vijay Deverakonda On Poltics) से पूछा गया था कि, जिस तरह से अन्य फिल्म सितारे राजनीति में आते हैं, क्या वह भी आना चाहेंगे, जिसके जवाब में उन्होंने यह बड़ी बात कही. बता दें विजय को उनकी फिल्म अर्जुन रेड्डी (हिन्दी में कबीर सिंह) से प्रसिद्धि मिली थी. इस फिल्म के बाद से वह देश छा गए थे.

ता’नाशा’ही से ही देश में आ सकता है बदलाव
विजय ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, केवल ता’नाशा’ही समाज में बदलाव ला सकती है और वह ता’नाशा’ह बनना चाहेंगे. विजय ने कहा कि ‘मैं एक ता’नाशा’ह बनना चाहता हूं. यही तरीका है कि आप एक बदलाव कर सकते हैं. मेरे पास अच्छे इरादे हैं, आपको नहीं पता कि आपके लिए क्या अच्छा है. मुझे लगता है कि कहीं न कहीं ता’नाशा’ही सही तरीका है, लेकिन आपको एक अच्छे आदमी की जरूरत है.’
विजय ने कहा- सबको न मिले वोट देने का अधिकार
फिल्म अर्जुन रेड्डी के स्टार विजय देवराकोण्डा ने अभिनेताओं के चुनाव ल’ड़’ने और मताधिकार को लेकर बहुत बड़ा बयान दिया है. अर्जुन ने कहा कि सभी को वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे देश को वोट देने का अधिकार नहीं होना चाहिए जिसके पीछे की वजह भी अर्जुन ने बताई है.

अभिनेता ने मौजूदा चुनावी प्रणाली का विरो’ध व्यक्त किया और कहा कि उनके पास राजनीति के लिए धै’र्य नहीं है. एंटरटेनमेंट न्यूज पोर्टल फिल्म कंपैनियन से ख़ास बातचीत में कहा कि ‘राजनीतिक व्यवस्था अपने आप में किसी तरह से समझ में नहीं आ रही है, जैसे कि हम चुनावों के बारे में किसी तरह से समझ में नहीं आ रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि हर किसी को वोट देने की अनुमति दी जानी चाहिए. अगर आप विमान पर सवार हैं और आप बॉम्बे के लिए उड़ान भर रहे हैं, तो क्या हम सभी तय करेंगे कि कौन विमान उ’ड़ाए’गा? क्या सभी 300 यात्रियों को वोट देने का फैसला करना चाहिए जो उस विमान पर जाने वाले हैं? नहीं! हम एयरलाइंस जैसी कुशल एजेंसी के फैसले पर भरोसा करत हैं. जो सबसे सक्षम व्यक्ति होगा, कंपनी उसे जहाज उ’ड़ा’ने देगी.
लोग पैसे और श’राब के लिए देते हैं वोट!
विजय देवराकोंडा ने देश की चुनाव प्रणाली और मताधिकार को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जो हर तरफ चर्चा में बना हुआ है. उन्होंने कहा कि ‘वे रुपए के लिए वोट क्यों देते हैं? क्यों वे सस्ते श’राब पर वोट देते हैं? यह हा’स्यास्प’द है. मैं यह भी नहीं कह रहा हूं कि अमीर लोगों को वोट देना चाहिए. मुझे लगता है कि मध्यम वर्ग के पास सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है और जो लोग शिक्षित हैं और जो लोग रुपए के लिए वोट नहीं बदलते.’
विजय ने कहा कि इसीलिए मैं कहता हूं कि हर किसी को वोट देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वे यह भी नहीं जानते हैं कि वे किसे वोट दे रहे हैं और क्यों वोट दे रहे हैं.’