ची’न के वि’रोध के बीच बीसीसीआई की तरफ से बड़ा बयान दिया गया. उनका कहना है कि, हम अभी तो फ़िलहाल vivo के साथ क’रार खत्म करने का नहीं सोच सकते। यह करार 2022 में खत्म होगा. उसके बाद इसपर कुछ विचार करेंगे। बता दें कि, Vivo हर साल BCCI को 400 करोड़ रुपये (Vivo give 440 crore) से अधिक देता है. ऐसे में उनका कहना है कि, इससे भारत का ही फायदा है, ची’न का नहीं।
हर साल 440 करोड़ रुपये बीसीसीआई को देती है ची’नी मोबाइल कम्पनी Vivo
बीसीसीआई की तरफ से कहा गया कि, आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नामेंटों के ची’नी कंपनियों द्वारा प्रायोज’न से देश को ही फायदा हो रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रूपये (Vivo sponsor IPL by giving 440 crore) मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में ख’त्म होगा.
मुनाफ़ा अधिक है, नहीं खत्म कर सकते करार
एक तरफ देश भर में ची’न का पूर्ण बहि’ष्का’र किया जा रहा है। तो वहीं बीसीसीआई (BCCI) ने साफतौर पर कह दिया है कि, वो आईपीएल के प्रायोजक वीवो से क’रार (Vivo give 440 crore to BCCI) ख’त्म नहीं करेगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीसीसीआई ने कहा कि, वो अगले दौर के लिये अपनी प्रायो’जन नीति की समीक्षा के लिये तैयार है. लेकिन आईपीएल के मौजूदा टाइटल प्रायोजक वीवो (VIVO IPL) से क’रार ख’त्म करने का कोई इरा’दा नहीं है. साथ ही बोर्ड के को’षाध्यक्ष अरूण धूमल का कहना है कि, आईपीएल में ची’नी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, ची’न को नहीं.