पिछले कुछ समय से फिल्मों के बॉक्स ऑफिस को लेकर अलग अलग रिएक्शन देखने को मिलते हैं. हर बड़ी फिल्म की रिलीज के साथ दो टर्म सामने आते हैं. एक है नेट कलेक्शन तो दूसरा होता है ग्रॉस कलेक्शन. अब जब किसी बड़ी फिल्म का इण्डिया नेट कलेक्शन कम हो रहा होता है, तो फिर ट्रेड एक्सपर्ट्स उसका ग्रॉस कलेक्शन बताने लगते हैं. लेकिन इसमें दोनों में बड़ा अंतर होता है और इसी से फिल्मों में खेल किया जाता है.
क्या होता है नेट बॉक्स ऑफिस कलेक्शन?
सबसे पहले बात करते हैं, नेट कलेक्शन की जो अक्सर आपको सुनने को मिलता है. नेट कलेक्शन मतलब फिल्म ने बॉक्स ऑफिस यानी टिकट सेल से जो इनकम हुई और उसमे टैक्स नहीं लगा होता है. फिल्मों के रियल कलेक्शन नेट कलेक्शन (What Is Net Box Office And Gross Box office) को ही माना जाता है. यही कलेक्शन प्रॉड्यूसर और थिएटर वालों का प्रॉफिट होता है.
क्या होता है ग्रॉस कलेक्शन?
अब बात करते हैं, ग्रॉस कलेक्शन की जोकि बड़ी फिल्मों के साथ कई बार सुनने को मिलता है. जब किसी बड़े स्टार की फिल्म कम कलेक्शन कर रही होती है तो उस वक्त उसका ग्रॉस कलेक्शन दिखाया जाता है. यानी कमाई और टैक्स मिलाकर जो इनकम हुई उसे ग्रॉस कहते हैं. लेकिन ग्रॉस कलेक्शन में टेक्स जुड़ा जुड़ा होता है जोकि सरकार के पास जाता है. नेट और ग्रॉस कलेक्शन में 30-60 करोड़ का डिफ़रेंस देखने को मिलता है.
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केजीएफ, देवरा, ररर, जवान जैसी कई फिल्मों के ग्रॉस कलेक्शन शुरू में दखाये गए
बता दें, इन दिनों जूनियर एनटीआर की फिल्म ‘देवरा’ थिएटर में चल रही है. इसका नेट कलेक्शन अभी 300 ही पहुंचा है, लेकन मेकर्स और ट्रेड एक्सपर्ट इण्डिया और वर्ल्डवाइड ग्रॉस कलेक्शन दिखाकर फिल्म को सुपरहिट बताने में लगे हैं. फिल्म का ग्रॉस कलेक्शन 500 पर हो गया है. यही खेल अन्य बड़ी फिल्म्मों के साथ भी देखने को मिला था. साथ ही अब कॉर्पोरेट बुकिंग और फेक कलेक्शन का मुद्दा भी जोर पकड़ रहा है.