RRR और KGF 2 को लेकर नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने दिया बड़ा बयान, बोले- एक्टिंग गई तेल लेने बस..

पिछले कुछ महीनों में साउथ की फिल्मों ने हिंदी भाषी इलाकों में रिकॉर्ड तोड़ कमाई की है. इससे अब एक नई बहस शुरू हो गई है कि क्या अब बॉलीवुड पर साउथ सिनेमा हावी हो रहा है या अब लोग हिंदी फिल्मों को उतना पसंद नहीं कर रहे. साथ ह यह सवाल भी उठ रहा कि क्या अब इस तरह की बड़े बजट की फ़िल्में ही लोग देखना पसंद कर रहे हैं.

इस बीच अब फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बड़े बजट वाली बड़ी फिल्मों को लेकर बड़ी बात कह दी है.

Nawazuddin Opn on Big Budget Films

गौरतलब है कि, पुष्प से शुरू हुआ सिलसिला अब KGF 2 तक आ गया है. तीन बड़ी साउथ की फ़िल्में आईं जिन्होंने बॉक्स ऑफिस पर तूफ़ान ला दिया.

कमाई के साथ ही दर्शकों में इस कदर क्रेज देखने को मिल रहा है कि हर कोई हैरान रह गया. पुष्पा का फीवर तो आज भी लोगों के सर चढ़ा हुआ है.

KGF 2 की एडवांस बुकिंग हुई RRR से भी ज्यादा
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तो उधर 25 मार्च को रिलीज हुई RRR अभी भी सिनेमा घरों में लगी हुई है और जमकर कमाई कर रही. वहीं KGF 2 जोकि 14 अप्रैल को रिलीज हुई उसने तो मानों हर किसी के होश उ’ड़ा दिए हैं.

जी हां केजीएफ 2 कमाई के मामले में पूरे देश में धू’म मचा रही है. फिल्म ने महज 8 दिनों में ही हिंदी में 280 करोड़ की कमाई कर ली है. जोकि बेहद बड़ा रिकॉर्ड है और ऐतिहासिक है. अब हर कोई अपनी प्रतिक्रिया देता नजर आ रहा है.

Nawazuddin on Big South Movies

इस बीच अब दिग्गज अभिनेता नवाजुद्दीन ने हाल ही में एक ET Now इंटरव्यू के दौरान इन फिल्मों के बारे में खुलकर बात की है. दरअसल, नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक इंटरव्यू में KGF2 और RRR जैसी बड़े बजट की फिल्मों के हि’ट होने पर सवाल खड़ा किया है.

उन्होंने कहा कि ऐसी फिल्मों में सिर्फ विजुअल्स इफेक्ट्स रहते हैं, लेकिन रियल सिनेमा नहीं रहता है.

Nawazuddin popular roles

जब उनसे पूछा गया कि क्या कमर्शियल सिनेमा में मेन लीड को लेकर कॉन्सेप्ट बदला है तो उन्होंने जवाब दिया, ‘मेरा ये मानना है कि ये बदल रहा है, मैं मंटों में लीड रोल में था. लेकिन इस फिल्म को कितने लोग गए.

नवाज आगे कहते हैं- मुझे ये लगा कि लॉक डाउन के दौरान लोगों ने वर्ल्ड सिनेमा देखा होगा और एक बदलाव होगा, लेकिन जिस तरह की पिक्चर्स अभी हि’ट हो रही है, ऐसा लगता है कि एक्टिंग गई तेल लेने, यहां एंटरटेन करो और सुपरफिशियल लेवल पर एंटरटेन करो लोगों को।’

एक्टर ने आगे कहा, ‘अच्छे छोटे बजट की फिल्मों को सिनेमाघरों में रिलीज एक चैलेंज है, क्योंकि बड़े पर्दे पर सिर्फ बड़े बजट की फिल्में ही छाई रहती हैं।’

उन्होंने कहा, ‘ऐसी (बड़े बजट वाली) फिल्में चका’चौं’ध और वि’स्मय पैदा करती हैं कि प्लेन को पानी में डाल दो और मछलियों को उ’ड़ा दो.

ये एक विजुअल एक्सपीरियंस है, जिसे मैं देखना भी पसंद करता हूं, लेकिन असली सिनेमा कहा हैं? भगवान का शुक्र है कि ओटीटी ने हमें बचा लिया है.

तो आप राहत महसूस करते हैं कि अच्छी फिल्में बन रही हैं. नहीं तो बड़े बजट की फ़िल्में ही बड़े परदे पर देखी जाती और छोटे बजट वाली फिल्मों को हाल खराब हो जाता.

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