बड़ी खबर: रुझानों में सबसे बड़ी पार्टी बनी बीजेपी, NDA को भारी बढ़त..तेजस्वी को झट’का!

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए मतगणना जारी है. लेकिन शुरुआती रुझानों (NDA leading in Bihar) में बजी पूरी तरह से पलटी हुई नजर आ रही है और NDA को बहुत मिलती नजर आ रही है. एक और दिलचस्प आं’कड़ यह है कि, भाजपा (BJP Become biggest party) तजा रुझानों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती नजर आ रही है. एग्जिट पोल में जहां महागठबंधन सबसे आगे दिखाई दे रही थी. तो वहीं अब रुझान एकदम उलट दिखाई दे रहे हैं.

आपको बता दें कि, कोरोना का’ल में यह देश का पहला चुनाव है. हिंदी पट्टी के लिए आम चुनावों और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद बिहार तीसरा सबसे अहम चुनाव माना जाता है.

NDA को बहुमत मिलता नजर आ रहा

बिहार में महागठबंधन बनाम एनडीए (NDA Leading in Bihar) की कां’टेदा’र जं’ग देखने को मिली. आज का जनादेश बिहार में पिछले 15 साल की नीतीश कुमार सरकार पर लोगों का फैसला तो होगा ही, बिहार की राजनीति के लिए भी एक खास संदेश लेकर आएगा क्योंकि बिहार में राजनीति के एक ढलती पीढ़ी को नई पीढ़ी ने सीधी चुनौ’ती दी है और जनता को नए-पुराने के बीच अपना आगे का भविष्य चुनना है.

रुझानों में सबसे बड़ी पार्टी बानी बीजेपी

नीतीश कुमार को 31 साल के युवा तेजस्वी यादव सीधी ट’क्क’र दे रहे हैं. तमाम एक्जिट पोल के रुझान बदलाव के संकेत दे रहे हैं. राज्य की कुल 243 विधानसभा सीटों पर इस बार तीन चरणों में हुए मतदान की मंगलवार को हो रही गिनती इस बदलाव के संकेतों का अं’ति’म सच सामने लाने वाली है.

243 सीटों पर तीन चरणों में हुआ मतदान

हिन्दी पट्टी के राज्यों में अहम प्रदेश माने जाने वाले बिहार में इस बार तीन चरणों में मतदान हुआ. कुल 243 सीटों पर 28 अक्टूबर, 3 नवंबर और 7 नवंबर को वोट डाले गए. पहले चरण में कुल 71 सीटों पर 53.54 फीसदी, दूसरे चरण में 94 सीटों पर 54.05 फीसदी और तीसरे चरण में 78 सीटों पर 59.94 फीसदी मतदान हुआ.

NDA leading in Bihar

कोरोना के चलते ऐसा लग रहा था कि शायद मतदान में लोग कम हिस्सा लें और प्रचार का रंग फीका रहने से शायद चुनाव की त’पि’श महसूस न हो. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से लेकर तेजस्वी की तू’फा’नी सभाओं तक बिहार लिट्टी की आं’च की तरह एक चुनावी गर्मी के दिखा.

एग्जिट पोल में तेजस्वी को दिख रही थी बढ़त

जहां एग्जिट पोल में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को बढ़त दिखाई थी, लेकिन एनडीए के सामने उसे कड़ी चुनौ’ती का सामना करना पड़ा। महागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने पर दस लाख नौकरी देने का वादा किया था और पूरे चुनाव प्रचार के दौरान यह केन्द्र में रहा था. इसकी वजह से उनकी रैलियों में भारी भी’ड़ दिखी. लालू यादव के बिना इस चुनाव में तेजस्वी ने आरजेडी का बखूबी नेतृत्व किया.

बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद चुनाव प्रचार को बागडोर संभाल रखी थी. इसके अलावा, अन्य स्टार कैंपेनर्स थे- राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा और अन्य नेता.

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