बिग बॉस में शामिल हुई राधे मां तो अखाड़ा परिषद ने बनाई दूरी, कहा- न वो संन्यासी हैं, न साध्वी

टीवी का सबसे विवा’दित शो Big Boss शुरू हो चुका है. हर बार की तरह इस बार भी इस शो में कई ऐसे कंटेस्टेंट आये हैं जिन्होंने आते ही अपना ड्रा’मा शुरू कर दिया। तो वहीं विवा’दित महिला धर्मगुरु सुखविंदर कौर उर्फ़ राधे मां (Radhe ma in Big Boss) भी शो में एंट्री कर चुकी हैं. ऐसे में अब सुखविंदर उर्फ़ राधे मा के शो में जाने पर सनातन धर्म की हो रही बद’ना’मी को लेकर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखा’ड़ा परिषद आगे आई है.

अखाड़ा परिषद ने राधे मां से दूरी बनाते हुए उनसे पूरी तरह से किनारा कर लिया है. उनकी तरफ से बड़ा बयान दिया गया कि, वह न तो साध्वी हैं और न ही संत. यानि की वो संतों की श्रेणी में नहीं आती हैं. जाहिर है राधे मा के शो में आने के साथ ही लोगों ने काफी हैरानी जताई थी और अब वह घर के अंदर हैं.

संत समाज से राधे मा का कोई सं’बं’ध नहीं है

जी हां सुखविंदर उर्फ़ राधे मा की एंट्री बिग बॉस (Radhe Ma in Big Boss) में होने के बाद संत समाज की तरफ से बड़ा बयान सामने आ गया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि राधे मां का किसी भी अखा’ड़े से फिलहाल कोई स’म्ब’न्ध नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि राधे मां न ही कोई संन्यासी हैं और न ही साध्वी हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में जूना अखा’ड़े ने उन्हें सनातन धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए महामंडलेश्वर की पदवी जरूर दी थी. लेकिन बाद में उनके बारे में सच्चाई का पता चलने पर जूना अखा’ड़े ने उन्हें अखाड़े से नि’ष्का’सित भी कर दिया.

Radhe Ma is Not a Sadhvi

महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि राधे मां माता की चौकी करती हैं और वे कहां पर किस शो में जाती हैं, ये उनका निजी मामला हो सकता है, जिससे फिलहाल अखा’ड़ा परिषद या साधु संतों का कोई लेना देना नहीं है. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा है कि राधे मां को धार्मिक आस्था की कोई जानकारी भी नहीं है. उन्होंने कहा है कि केवल गाने बजाने और नाचने से धर्म की स्थापना नहीं होती है.

सुखविंदर उर्फ़ राधे मा को संत न मानें

यही नहीं राधे मा को संतों के समाज से अलग बताने के साथ ही उन्होंने जनता से भी ख़ास अपील की है. महंत नरेन्द्र गिरी ने लोगों से अपील की है कि राधे मां को साधु संतों की कैटेगरी में न देखा जाये. उन्होंने कहा कि राधे मां के सनातन धर्म की परम्परा के खिलाफ काम करने पर अखाड़ा परिषद का’र्रवा’ई भी करेगा. महंत नरेन्द्र गिरी ने कहा कि राधे मां के मामले में वे जूना अखा’ड़े के सं’रक्ष’क और अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरी से भी बात करेंगे.

सनातन धर्म से राधे मा का नहीं है कोई कने’क्श’न

हालांकि उन्होंने दावा किया है कि मौजूदा समय में राधे मां सनातन परम्परा में आने वाले किसी भी अखा’ड़े में किसी पद पर नहीं हैं. हम आपको बता दें कि प्रयागराज में जनवरी 2019 में आयोजित दिव्य और भव्य कुम्भ के पहले राधे मां की जूना अखाड़े में महामंडलेश्वर के तौर पर वापसी कर ली गई थी, लेकिन अपने साथ जुड़े विवा’दों के चलते राधे मां प्रयागराज कुंभ मेले से पहले निकलने वाली जूना अखाड़े की पेशवाई में शामिल नहीं हुईं थीं.

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