राकेश टिकैत का बड़ा बयान, अनिश्चितकालीन तक चल सकता है यह आंदोलन, किसानों को हलके में न लें!

कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन का रुख बदल चुका है. गाजीपुर पर जिस तरह से राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने माहौल बनाया उसके बाद से अब वह किसानों के सबसे बड़े नेता बनकर सामने आ चुके हैं. अब वह लगातार आवाज बुलंद कर रहे हैं और आंदोलन के साथ ही अलग-अलग शहरों में जाकर महापंचायतें भी कर रहे हैं. वहीं टिकैत ने सरकार को चेतावनी भरे अंदाज में कहा है कि, जब तक कानून वापसी नहीं होगी वह घर नही जाने वाले हैं.

इस बीच अब उन्होंने बहुत बड़ा बयान दे डाला है और उनका कहना है कि आंदोलन अनिश्चितकालीन तक के लिए चल सकता है.

अंदोलन अनिश्चितकालीन तक चल सकता है, अभी समय सिमा तय नहीं- टिकैत

किसान आंदोलन का रुख बदलने वाले राकेश टिकैत अब हुंकार भरते नजर आ रहे हैं. वह सरकार को पहले ही कह चुके हैं जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं. इस बीच अब टिकैत ने एक और बड़ा बयान दे डाला है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, टिकैत ने कहा कि किसानों का विरोध प्रदर्शन अनिश्चितकाल तक चल सकता है, क्योंकि इसकी समयसीमा को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है. उन्होंने ये बात संयुक्त किसान मोर्चा के नेता गुरनाम सिंह चढूनी के बयान पर कहीं, जिसमें उन्होंने कहा था कि किसानों का प्रदर्शन अक्टूबर तक चलेगा. जाहिर है इससे पहले भी टिकैत के ऐसे बयान सामने आये हैं जब उन्होंने कहा कि, हम आंदोलन को 2024 तक भी चलाएंगे अगर हमारी मांगें पूरी नहीं हुई. टिकैत ने कहा था कि, हम खेती भी करते रहेंगे और हमारा अंदोलन भी चलता रहेगा।

गाजीपुर बॉर्डर पर हर साल आयोजित करेंगे कार्यक्रम

टिकैत ने इससे पहले भी चेतावनी दी थी कि किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं ले लेती और ये अक्टूबर तक जारी रह सकता है. टिकैत ने शुक्रवार को कहा कि किसान हर साल 2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा हम अब से हर साल गाजीपुर बॉर्डर पर एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे.

टिकैत बोले- मैं रोने वाला इंसान नहीं हूं
Image credit: Google

ऐसे में अब देखना होगा कि, आखिर किसान आंदोलन का रुख आगे किस दिशा में जाने वाला है. एक तरफ टिकैत के समर्थन में लगभग विपक्ष के सभी बड़े नेता गाजीपुर पहुंच चुके हैं. वहीं कांग्रेस लगातर किसानों के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार पर हम’लावर है और कानून को वापस लेने की मांग कर रही है. इधर किसानों को समझाने और जागरूक करने के लिए हरियाणा से लेकर उत्तर प्रदेश और पंजाब से लेकर राजस्थान तक महापंचायत हो रही हैं. इनमे हजारों की संख्या में किसान पहुंच रहे हैं.

Leave a Comment