शरद पवार ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- नए कृषि कानून मंडी व्यवस्था को कमजोर कर देंगे

नए कृषि कानून को लेकर किसानों का आंदोलन पिछले दो महीने से अधिक समय से जारी है. किसानों का कहना है कि, जब तक सरकार कानून वापस नहीं लेगी वह वापस नहीं जायेंगे। तो वहीं इसको लेकर मोदी सरकार की काफी आलोचना भी हो रही है और विप’क्षी दल लगातार सरकार को घे’रने का काम कर रहे हैं. राहुल गांधी से लेकर केजरीवाल, अखिलेश से लेकर अमरिंदर सिंह और शिवसेना के कई नेता लगातार किसानों के हक में आवाज उठा रहे हैं. इस बीच अब 2004 से 2014 तक कृषि मंत्री रहे शरद पवार ने एक के बाद एक 6 ट्वीट्स कर कृषि कानून पर सवाल उठाया है.

दरअसल उन्‍होंने नए कृषि कानूनों की आलोचना की. आपको बता दें कि, इससे पहले भी वह किसानों के हक़ में आवाज उठा चुके हैं और केंद्र सरकार से कानून वापस करने की मांग कर रहे हैं. नए कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर पिछले दो महीनों से किसान संगठन दिल्‍ली की सीमा पर प्रद’र्शन कर रहे हैं.

कृषि कानून व्यवस्था को कमजोर कर देंगे- पवार

महाराष्‍ट्र सरकार को समर्थन देने वाली राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख 80 वर्षीय राजनेता शरद पवार ने कहा कि नए केंद्रीय कृषि कानून, न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेंगे और मंडी व्‍यवस्‍था को कमजोर कर देंगे. शरद पवार की पार्टी को महाराष्‍ट्र के किसानों और कृषि संबंधी कामों में लगे लोगों का बड़ा समर्थन मिलता रहा है.

पवार का मानना है कि सरकार और किसानों के बीच त’नावपूर्ण स्थितियां बनी हुईं थीं और गणतंत्र दिवस पर यह अपने च’रम पर पहुंच गया. पवार ने भाजपा को जवाब देने का साधन के रूप में भी समझा गया है.

पवार का दावा- नए कृषि कानून से किसान की आय कम होगी

शरद पवार ने बताया कि उन्‍होंने प्रधानमंत्री के साथ ऑनलाइन हुई सर्वदलीय बैठक में हिस्‍सा लिया, जिसमें बजट सत्र के प्रस्‍तावित मुद्दे, किसान आंदोलन, महिला बिल और अन्‍य महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई.

यही नहीं एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसान की आय में कमी आएगी. वहीं ये एमएसपी सिस्‍टम पर विपरीत प्रभाव डालेंगे, जिसके कारण मंडी व्‍यवस्‍था कमजोर हो जाएगी.

singhu border par kisanon ka dera

उन्‍होंने ट्वीट में कहा कि मेरे कार्यकाल के दौरान APMC नियम – 2007 के मसौदे को विशेष बाजारों की स्थापना के लिए तैयार किया गया था, जिससे किसानों को अपनी चीजों को बेचने के लिए वैकल्पिक मंच मिला था. साथ ही मंडी सिस्‍टम को मजबूत करने के लिए भी अत्‍यधिक सावधानी बरती गई थी. श्री पवार ने कहा कि वह संशोधित आवश्यक वस्तु अधिनियम के बारे में भी चिं’ति’त थे.

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