राज्यपाल को कंगना रनौत से मिलने का समय मिल जाता है, लेकिन किसानों से मिलने का नहीं- शरद पवार

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. किसानों के आंदोलन को 60 दिन से अधिक हो गया है और उनका कहना है कि, जब तक कानून वापसी नहीं तब तक घर वापसी नहीं। इस बीच आज किसानों के समर्थन में मुंबई के आजाद मैदान में किसानों की रैली हुई. इस रैली में पहुंचे एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar takes on Governor) ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर निशाना साधा.

उन्होंने कहा, ”महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा राज्यपाल नहीं मिले है. किसान आज मुंबई में हैं लेकिन राज्यपाल गोवा में चले गए. राज्यपाल को कंगना रनौत से मिलने का वक़्त है लेकिन किसानों से मिलने का वक़्त नहीं है.”

राज्यपाल कंगना से मिल सकते हैं लेकिन किसानों से नहीं

आपको बता दें कि, कुछ दिन पहले ही पार्टी ने एलान किया था कि, एनसीपी और शिवसेना दोनों पार्टियां मिलकर किसानों के लिए आवाज उठाएंगी। तो वहीं आज नेताओं ने आजाद मैदान में सभा को संबोधित किया। इस दौरान शरद पवार ने कहा कि, किसान इतने दिनों से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन राज्यपाल को समय नहीं मिल रहा है. वह कहते हैं राज्यपाल कंगना से मिलने का समय निकाल लेते हैं. लेकिन किसानों के लिए उनके पास समय नहीं है.

वह आगे कहते हैं- मुंबई शहर के देश का महत्वपूर्ण शहर है आज़ादी की ल’ड़ा’ई में भी मुंबई की अहम भूमिका थी. ये ल’ड़ा’ई आसान नहीं है. जिनके हाथो में सरकार है उन्हें किसानों की कोई चिंता नहीं है. इतने दिनो से किसानों का आंदोलन चल रहा है लेकिन पीएम मोदी ने अभी तक किसानों की खबर तक नहीं ली.

क्या किसान पाकिस्तान के हैं?

पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा, ”2003 में क़ानून पर चर्चा शुरू हुई थी. जब हमारी सरकार आई तो मैं कृषि मंत्री था मैंने खुद सभी राज्यों के कृषि मंत्रियो की बैठक की. उसके बाद BJP की सरकार आई उन्होंने इस क़ानून पर चर्चा नहीं किया और क़ानून पास कर दिए.” उन्होंने कहा, ”ग़ुलाम नबी आज़ाद (कांग्रेस नेता) ने भी कहा कि किसानों के हित में बात रखनी है. विपक्ष ने सलेक्ट कमेटी के पास बिल को भेजने की विनती की लेकिन सरकार ने बात नहीं मानी.”

singhu border par kisanon ka dera

पवार ने कहा, ”बाबा साहब अम्बेडकर ने जो संविधान दिया है उसका सीधा सीधा अप’मान मोदी सरकार ने किया. इसलिए इस क़ानून का हम विरो’ध कर रहे हैं. किसान का कहना है कि पहले क़ानून र’द्द करो उसके बाद क्या चर्चा करनी है उसके लिए सभी तैयार हैं.”

बता दें कि महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से हजारों किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों का विरोध करने के लिए दक्षिणी मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित एक रैली में हिस्सा लेने आए हैं.

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