इनकम टैक्स की रे’ड और सर्वे के बाद अब सोनू सूद फिर से जनता की सेवा कार्य में लग गए हैं. एक बार फिर से वही सिलसिला शुरू हो गया है और लोग दिन रात सोनू के घर के बाहर फ़रियाद लेकर पहुंचने लगे हैं. वहीं सोनू भी खुलकर इस छा’पेमा’री पर बात कर रहे हैं और मीडिया वाले लगातार उनका इंटरव्यू और सवाल जवाब करते नजर आ रहे हैं. इस बीच हाल ही में उन्होंने इस कार्रवाई को लेकर कई बड़ी बातें कही. उनपर लगाए गए आरोपों पर सोनू बोले- यह पूरी तरह से गलत है. जो बात फंड की है तो उसमे तो अधिक पैसा मेरा अपना भी है.
दूसरी तरफ बात रही राजनीतिक पार्टियों की तो मुझे दूसरी वेव के दौरान दो बार राज्यसभा की सीट ऑफर की गई. इस बात को सुनकर हर कोई हैरान होगा, लेकिन यह सच है. हालांकि सोनू ने अपने इंटरव्यू में पार्टियों का नाम नहीं बताया।
बता दें कि, इनकम टैक्स द्वारा सोनू पर कई आरोप लगाए गए थे. इसमें उन्होंने सोनू को मिलने वाले फंड पर बड़ा सवाल खड़ा किया था. इसपर सोनू ने एनडीटीवी के साथ इंटरव्यू में सच्चाई बताई। सोनू ने कहा- जो बात है कि, मेरे फाऊंडेशन में जो करोड़ों रुपये आये हैं उसमे से मैंने खर्च नहीं किया। तो इसकी बड़ी सच्चाई यह है कि, उसमे आया पैसा अधिकतम मेरा भी है.
सोनू ने इस मामले को तफ्तीश में बताते हुए समझाया- पिछले कुछ समय में मेरे पास लगातार कई बड़ी कंपनियों के विज्ञापन करने के ऑफर आ रहे हैं. तो मैं भी जनता की मदद कर रहा हूं, इसलिए ज्यादातर विज्ञापन की हामी भर देता जिससे फंड आये और मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद कर पाऊं। तो जब भी कोई कंपनी विज्ञापन करवाती तो मैं उनसे अनुरोध करता की वो मेरी फीस का ज्यादातर हिस्सा फाउंडेशन में डाल दें. ऐसे में कई कंपनियों ने मेरे फाउंडेशन में 25 से लेकर 100% तक फीस सीधा उसमें ही डाली है.
वहीं राजनीति में आने और किसी का समर्थन करने पर सोनू ने बड़ी बात कही. सोनू बोले- देखिये मैं तो राजनीति को बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म मानता हूं. इसके जरिये जनता की मदद बड़े लेवल पर की जा सकती है. लेकिन अगर नेता काम नहीं कर रहा तो वह व्यर्थ है. मुझे लॉक डाउन के बाद दो बार राज्य सभा की सीट ऑफर की गई. लेकिन मैं इन सब चीज के लिए अभी तैयार नहीं हूं. इसलिए मैंने सभी को मना कर दिया।
तो वहीं दूसरी तरफ एनजीओ में करीब 19 करोड़ आया और उन्होंने खर्च नहीं किया। इसपर सोनू ने तंज भरे अंदाज में कहा कि, किसी भी एनजीओ में अगर पैसा आता है तो उसको खर्च करने में समय लगता है. सोनू ने बताया कि, जब अधिकारियों ने उनके फोन और लैपटॉप देखे तो हैरान रह गए.
सोनू ने कहा- कई बच्चों ने तो मुझे अपने पिगी बैंक भी दे दिए थे, इनमे 500, हजार रुपये हैं. लेकिन यह मेरे लिए बहुत बड़ी रकम है. अब अधिकारी यह भी कहने लगें कि, आपने तो इसको भी खर्च नहीं किया। ऐसे में यह सही नहीं है, जब भी किसी संस्था के पास पैसा आता है तो वह एक बार में ही खर्च नहीं हो जाता है. साथ ही मैं तो उसको खर्च से पहले यह देखता हूं कि आखिर पैसा सही जगह जाये। लोगों ने मुझपर भरोसा करके दिया है तो मेरी बड़ी जिम्मेदारी है कि, जरूरतमंद तक पैसा पहुंचे।
सोनू कहते हैं- मेरे पास अभी भी 53 हजार अनरीड मेल्स पड़ी हैं, वाट्सएप पर कई हजार मैसज हैं. इन सब को देखने के बाद अधिकारी भी मेरे काम की तारीफ़ करने लगे. लेकिन ठीक है यह सब तो चलता रहेगा, वह सरकारी नौकरी कर रहे हैं और अपनी ड्यूटी कर रहे. मैं अपना काम कर रहा हूं और करता रहूंगा। उन्होंने जो भी सवाल किये मैंने सभी जवाब दिए और डॉक्युमेंट्स उपलब्ध करवाए।