इस देश में म’रता गरीब ही है, चाहे लॉक डाउन हो या नोटबंदी-बॉक्सर विजेंद्र

देश में लॉक डाउन की अवधि जारी है. इस समय आम आदमी से लेकर बड़ा आदमी अपने घरों में आराम से समय बिता रहा है. लेकिन प्रवासी मजदूरों की पी’ढ़ा और दर्द देखकर लोग हैरान हैं. लगातार एक दूसरे राज्यों से मजदूरों (Migrant workers) को पैदल अपने गांव की ओर जाने का सिलसिला जारी है. ऐसे में हर कोई इनकी परेशानी को लेकर दुःख जाहिर कर रहा है. इसी बीच अब बॉ’क्सर विजेंद्र सिंह (vijender singh) ने भी एक ट्वीट किया है और अपना दुःख जाहिर किया.

लॉक डाउन हो या नोटबंदी हर वक्त बस गरीब ही मा’रा जाता है

जाहिर है लॉक डाउन के बाद से प्रवासी मजदूरों (Migrant workers) के सामने बड़ा सं’कट खड़ा हो गया है. वह सभी अपने-अपने गांव की ओर पलायन कर रहे हैं. चिलचिलाती धूप और गर्मी में बेचारे पैदल पैदल अपने घर की ओर चले जा रहे हैं. सरकार ने ट्रेनें और बस चला दी हैं लेकिन इसके बावजूद भी हजारों लोगों तक मदद नहीं पहुँच पा रही. ऐसे में रोजाना अलग-अलग शहरों से मजदूरों के पलायन की तस्वीरें आ रहीं हैं. इसको देखकर लोग हैरान हैं और इनके प्रति अपनी संवेदना और दुःख प्रकट कर रहे हैं. इस कड़ी में अब विजेंद्र सिंह (vijender Singh) ने भी एक ट्वीट किया है जो दिल छू लेने वाला है.

दरअसल विजेंद्र ने दुःख जताते हुए लिखा- भाई कुछ भी हो जाए.. इस देश में म’रता गरीब ही है.. चाहे लॉक डाउन हो या फिर नोटबंदी।’ वहीं विजेंद्र के इस ट्वीट पर कई लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. कई लोग विजेंद्र की इस बात पर सहमति जताते हुए उनका साथ दे रहे हैं. तो कुछ ने विजेंद्र की आलोचना भी की.

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